प्रश्न- 1. पर्यावरण संरक्षण के मार्ग में आने वाली मुख्य वैश्विक बाधायें कौन सी हैं। इस दिशा में भारत द्वारा उठाये गये कदमों की विवेचना कीजिए। (200 शब्द)
उत्तर- दुनिया को जलवायु परिवर्तन से बचाने के लिये सभी देशो को आपसी मतभेद भुलाकर एकजुट होना बहुत जरुरी है, पर कुछ वैश्विक बाधाये ऐसा करने से रोक रही है। जैसे- क्योटो प्रोटोकाल के अनुसार केवल सर्वाधिक विकसित देशो को अपना कार्बन उत्सर्जन कम करना था पर अमेरिका ने भारत और चीन के उत्सर्जन (जो कि प्रतिव्यक्ति फिर भी बहुत कम है) को ध्यान मे रखकर नामंजुर कर दिया और उसी सभा मे यह भी कहा गया की कार्बन उत्सर्जन मे कमी के लिए पिछड़े देशो को विकसित देश तकनीक स्थानांतरण और वित्तीय मदद का सहयोग करेंगे, पर विकसित देशो ने निगरानी और समिक्षा का शर्त लगा दिया जो किसी देश को सामरिक रूप से मंजुर नही है । विकसित देशो का कहना है की पर्यावरण संरक्षण मे समान जवाबदेही तय हो, पर विकासशील देशो को विकसित देशो द्वारा ऐतिहासिक रूप से औद्योगिक क्रांतियो मे उत्सर्जित कार्बन को ध्यान मे रखकर मंजुरी दे पाना मुश्किल लगता है।
भारत पर्यावरण संरक्षण पर बहुत ही गंभीर नजर आता है, इसे इसके विभिन्न नीतियो मे स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। हाल ही मे हरित राजमार्ग नीति लाई गई जिसके अंतर्गत 1.4 लाख किमी सड़्क के दोनो किनारो पेड़ लगाने का प्रावधान है। इसके साथ ही भारत ने रेनुऐबल एनर्जी को हाल के 35 गीगावाट से 2022 तक 175 गीगावाट करने का लक्ष्य रखा है और ऐसा ही कदम सौर उर्जा के लिए भी जिसमे वर्तमान के 20 गीगावाट को 2022 तक 100 गीगावाट करने का प्रस्ताव है, जो वर्तमान सरकार के कार्यप्रणाली से सफल साबित हो सकता है और ये पहल निहायत ही व्यावहारिक कदम है, सौर उर्जा के मामले मे तो भारत ने कुछ सफलता भी पाइ है जैसे - विश्व का पहला पुर्णत: सौर उर्जा चालित एयरपोर्ट कोची और विचाराधीन टोल प्लाजे । 'मेक इन इंडिया' को भी भारत चीन जैसे अंधाधुंध उत्पादन के हवाले न कर के "जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट" नीति अपना रहा है जो पर्यावरण संरक्षण हितैषी होगी।।
प्रश्न 2. It is observed that more and more
women vote in elections these days even
surpassing male turnout, but they still
lag behind men substantially in their
representation in the electorate. Discuss
the reasons for this anomaly. (200
Words)
उत्तर- एक-दो दशक पहले राजनीतिक पार्टियां द्वारा महिला वोटरों को नजरअन्दाज करना आम बात थी। 1967 मे ही पुरुषो का मत प्रतिशत 61% के तुलना मे महिलाओं का प्रतिशत 41% ही था, पर जब हमारे पास अब बिहार के विधानसभा के आकड़ें है जिसमे महिलाओ का प्रतिशत 59% पुरुषो के 53.95% से कहीं ज्यादा ही अधिक है। चुनावों मे महिलावो के झुकाव से उनका लोकतंत्र मे विश्वास साफ-साफ झलकता है। इन सब का मुख्य कारण महिलावो के सोच मे आ रही राजनीतिक खुलापन और समाज द्वारा खुलकर जीने की इच्छा को सम्मान देना है। साथ ही उनकी राजनीतिक उदारता है, जो शिक्षा के बिना सम्भव ही नही है। बिहार के मामले मे सरकार की नीतिया भी इसके लिए एक कारक रही है जिसमे सरकार ने स्कुली लड़कियो को साईकिल मुहैया कराई थी जिसमे से शुरु कि लड़्किया अब वोटर बन गइ होंगी ।
पर इन सबके बावजुद चुनावो में महिला प्रत्याशियों की प्रतिनिधित्व के तौर पर भारी कमी है। इतना उत्साह के साथ महिलावो के वोटिंग प्रतिशत मे इजाफा के बावजुद प्रतिनिधित्व मे बहुत कमी है । वित्त मंत्री महिलावों के वोट मे इजाफा को ,पुरुषो का पलायन कर जाना बताते है, लेकिन फिर तो इसे प्रतिनिधित्व मे भी स्पष्ट रुप से दिखना चाहिए। इसके पिछे मुल कारण अशिक्षा ही हैं जिसके चलते आत्मविश्वास की कमी के कारण महिलायें अपने आपको प्रतिनिधी लायक नही समझती है। प्रतिनिधित्व मे कमी महिलावो के घरेलु और व्यावहारिक जिंदगी से सही ताल-मेल न बना पाने के कारण भी हो सकती है।
प्रश्न 3 ) It is argued that both administration
and policymaking are getting
increasingly complex and require
specialized skill set and a good
administrator may not always prove to
be a good policymaker or vice-versa. Do
you think IAS is unfairly dominating all
other civil service posts in India? In your
opinion, what structural reforms are
needed to make both policymaking and
administration efficient? Critically
discuss. (200 Words)
उत्तर्- हमारे देश मे 1960-70 से ही हरित क्रांति ने फसल उत्पादन मे एक तरह से क्रांति मचा दी थी, हम इसमे बहुत हद तक सफल हुए, पर आज भी हमारे देश के 4 साल से कम के आधे भारतिय बच्चे कुपोषण के शिकार है।मेरा मानना है की ये सब हुआ है गलत नीतियो के निर्धारण से जैसे पुर्ववर्ती नीतिनिर्धारकों ने खेती के क्षेत्र मे नकदी फसलो को ज्यादा तरजीह दिया, तमाम फ्लैगशीप योजनाये लाइ ताकि किसान ऐसे फसलो को आसानी से बाजार मे लाकर बेच सके, और वहीं उन किसानों ने खाद्य फसलो को नजरअंदाज करना प्रारम्भ कर दिया। नीति-नियंता आप किसे भी बना दे जब तक वह नीति से जुड़े पहलुओ को व्यावहारिक द्रिष्टि से नही देखेगा, नीतिओ के सफल होने की प्रायिकता कम होगी। नीति निर्माण मे चाहिए की अधिकारीगण अधिक से अधिक स्टेकहोल्डर्स से राय मशविरा करे खुद जमीनी स्तर पर काम करे। एक न्इ पहल की जा रही है 2016-17 के सिविल सेवा परिक्षा से जिसमे पहली बार कौशल विकास कैडर लाने की बात की जा रही है जिसमे आई टी आई और पोलिटेक्निक कालेजो के माध्यम से कौशल विकास पर जोर दिया जायेगा। ये इस दिशा मे किया जा रहा एक महत्वपुर्ण कदम होगा।और अब ये भी मान लेना चाहिय की एक अच्छा प्रशासक हमेशा अच्छा नीति-निर्माता नहीं हो सकता। मुझे ऐसा लगता है की नीतिनिर्माता करने वाले उच्च पदों पर नियुक्ति के दरवाजे सिविल सेवको के साथ साथ प्राइवेट स्पेसलिस्टों के लिए(लैटरल इंट्री) भी खोली जानी चाहिए और उनके बीच से ही स्पेसलाइजेसन, अनुभव और ग्यान के आधार पर उनका चयन किया जाना चाहिए। अन्य विकसित देशो जैसे युके और युएस मे ऐसे ही किया जाता है। और सबसे बड़ी बात इन बड़े पदो पर सिविल सेवको के नियुक्ति को राजनितीक रंग देना, व्यक्तिगत हितों को साधना और नियुक्ति मे अपारदर्शिता से बधने वाले भ्रष्टाचार से भी योग्य नीति -नियंताओ के चयन पर सवालिया निशान उथता है।
Overall Strategy for the Mains exam :
By sanskriti CSE14 AIR 11
1. This stage of exam sees your depth of
knowledge , analytical skills , ability to combine facts with your opinion, logical
development of answers & interlinkages with different areas.
2.Broad perspective on every issue is required . One should take into account diverse dimensions , such as ,social, economic, political ,common man’s
perspective ,parliamentarians , difficulties in implementation of policies, etc.
3. Thorough reading of newspaper should be there – cover to cover. Though paper 1 is fact based but still one needs to understand linkages to present age e.g.
How to attempt questions creatively?
There was one question in this main exam on“ urbanisation of Indus Valley Civilisation”. Now this question is not just
talking about town planning ,drainage
system , broad roads of Indus Valley which everybody knows very well . One could connect with smart cities , planned development ,associating with the policies our country is taking up.
Writing Skill by Ashish AIR 9 CSE 14
- The questions may be general but your
answer needs to be specific. So try to back up your answers with facts. They give an
impression of being thorough with the topic
- Answer in points Yes do write in points. Helps a lot. You need not number them. You can arrow them as well. In points specifically means that you keep paragraphs short.
- Add recent examples, current affairs in your answers
- Try to cover as many dimensions as possible to the answer
- Most importantly, practice a lot of answer
writing
-Your answer should be a fine blend of analysis backed by facts. Try to link it with contemporary happenings. Also if you are criticising/pointing out flaws in a particular scheme of things, do suggest solutions also.