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Showing posts from April, 2016

आज की बेचैनी

 मैने रात में मसान फिल्म को Download पर लगाकर छोड़ दिया और सो गया| सुबह जब उठा तो सबसे पहले मैने मसान फिल्म ही देखी| और तब से मेरा मन बेचैन है, समझ ही नहीं आ रहा है की ऐसा क्यों हो रहा है? तभी मेरे मन ने कहा की Dairy लिख कर अपने से बात कर लो !  May be कुछ शांति मिल जाएँ! और यूँ शुरुआत हो गई महीनो से बंद पड़ी मेरे लेखनी की| दीदी अपने शादी के बाद पहली बार कल घर आ रही है और मैं घर से कोई 150 किमी दूर बैठ कर ब्लॉग लिख रहा हूँ, एक इसका भी दुख है की उनका घर आने पर मैं स्वागत नही कर पा रहा हूँ पर शायद ही मेरी कमी उन्हे कमी खले| क्योंकि मैं ऐसे ही व्यवहार करता हूँ की यदि अचानक से मैं ना रहूं तो मुझे भूलने मे सबको आसानी रहें| कल ही घर से निकला था, मोतिहारी( रक्सौल साइट) आने के लिए, रास्ते मे था की SDO साब का काल आया की मुझे नरकटियगंज आना पड़ेगा वहाँ का DPR बनना है उसके लिए पर मुझे पहुचने मे लेट हो रहा था. इसलिए मैंने सर से बोला की मैं मोतिहारी निकल जा रहा हूँ और आ गया  aaj pata nahi kyu mera mann tension nahi lena chahata hai par ye tension baar baar ghumand ghumad ke aa rahe hain. site pr mot