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माँ का बचपन

                                                                                    [  माँ अपने  20's में ] मेरे माँ की ये एकमात्र ऐसी तस्वीर है मेरे पास, जो मुझे सोचने के लिए मजबूर करती है कि कैसा रहा होगा माँ का बचपन या माँ का शुरुआती जीवन....हमेशा सोचता हूँ, और सोचकर हमेशा एक मीठी से गुदगुदाहट से मेरा मन खुश हो उठता है. कभी चेहरे पर एक मासूमियत ओढ़े शैतान बच्ची सी लगती है माँ, तो कभी अपने बचपन में ही माँ के खो देने का दुख को छिपाते हुए मुस्कुराते दिखती है माँ । बहुत कोशिश करता हूँ माँ से उसका बचपन जानने के लिए, लेकिन कभी हँस के टाल देती है, या मैं ही ज्यादा दबाव नहीं बना पाता, लेकिन इस तस्वीर को देखते ही माँ के बचपन के बारे में जानने की उत्कंठा तीव्र हो उठती है. अब तो ऐसे हालात है, माँ और पापा की तबीयत भी अच्छी नहीं रहती और मुझे भी उतना वक़्त नहीं होता कि घर ज्यादा दिन रह पाऊं और पहले जैसे इनके साथ समय बिता पाऊं, अब तो जाते है घर पर तो दिमाग काम पर लग जाता है, और काम पर आने के बाद दिमाग घर पर, शायद ये चलता रहेगा. ओह्ह मैं फिर कहाँ शुरू हो गया....हाँ तो मैं सोच रहा हूँ