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Showing posts from May, 2016

चुनाव सुधारों में एक जरुरी कदम

आज़ादी के बाद 1967 तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही होते थे, पर उस समय कुछ विधानसभाओ को भंग करने के कारण ये वर्तमान स्थिति आई| अब यदि पूर्व मे ऐसा किया जा चुका है तो अब करने मे दिक्कत क्या है ? ऐसा यदि हो जाता है तो अनावश्यक रूप से बर्बाद होते धन, समय और उर्जा को कही और विकास के क्षेत्र मे लगाया जा सकता है| अभी पूरी स्थिति इसके पक्ष मे बनी हुई है| चुनाव आयोग ने भी इस कदम को संभव बताया है तो केंद्र सरकार ने तो गृहमंत्री के अध्यक्षता में एक समिति ही बना दी है जो लोकसभा और विधानसभा चुनाओ को एक साथ कराने के सभाव्यता पर विचार करेगी|यूपीए के कार्यकाल मे भी एक समिति बनी थी जिसने इसके पक्ष मे ही अपना मत रखा था| इस चुनाव प्रणाली से सार्वजनिक कोष पर भार तो कम होगा ही साथ ही सुशासन की दिशा मे एक बड़ा कदम होगा| राजनीतिक पार्टियो के कोष पर भी कम दबाव होगा, अब उन्हे उद्योगपतियों से चंदे की ज़रूरत नही होगी, राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले चंदे पर तरह तरह की बाते उठती रहती है| चंदा नही लेने से सत्ताधारी पार्टियाँ अपने चुनावी एजेंडे को पूरी करने मे सक्षम होंगी और उनपर केवल उद्योगपतियों के हित

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कल हमारे पंचायत में मुखिया समेत कई पदों के चुनाव होने है और मैं भी गाँव में ही हूँ. पर मुझे कैसे भी कल 10 बजे तक रक्सौल पहुच जाना है. इसलिए मैने चुनाव को बहिष्कार करने का फ़ैसला लिया है और आज रविवार को ही रक्सौल जाने का फ़ैसला किया है क्योंकि शायद कल चुनाव के वजह से बस नहीं मिल पाएगी. ऐसा लोकसभा चुनाव में हुआ था एक बार. और चुनाव बहिष्कार करने का मुख्य कारण चुनाव के परिणाम से चुने गये मुखियाओं का कार्यशैली है. केवल जाति की राजनीति ही करते रह जाते हैं पाँच साल और विकास और समाज को साझने जैसे मुद्दे को नज़रअंदाज कर जाते है. अभी मैं शुक्रवार को ही तो साइट से घर आया था.दीदी भी अपनी शादी के बाद पहली बार घर आई हैं, माँ-पापा, छोटी बहनें और चींकी साथ मैं परिवार के सभी सदस्य बहुत खुश है,यदि जगह बदलें तो दो घरों , गाँवों राज्यों के विचारों के स्तर में अंतर आ ही जाता है, जिसे मैं Thought-Gap कहना पसंद करूँगा. इसी स्थिति से मेरी दीदी 4 फ़रवरी से गुजर रही लेकिन उन्हें देख कर, बात कर के लगता है की उस माहौल में जाकर उन्होनें अपने स्वाभाव के मुताबिक प्रतिक्रियावादी ना होकर चीज़ों को अपने अंदर उतारा है